शनिवार, 9 जून 2012

हल्दी का सेवन केंसर के रोगियों में रामबाण


 हल्दी का सेवन केंसर के रोगियों में रामबाण सिद्ध हो चुका है .
ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है, क़ि केमोथैरेपी  से अप्रभावित कोशिकाओं  पर हल्दी का अभूतपूर्व प्रभाव देखा गया है.
लेचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हल्दी में पाई जानेवाले रसायन "कर्कुमिन" के प्रभाव का अध्ययन  कोलोरेक्टल केंसर के रोगी में किया था .
डॉ करेन ब्रौंउन ने डेली मेल को जानकारी देते हुए कहा, क़ि  कर्कुमिन उन केंसर  क़ी  कोशिकाओं के विरूध काम करता है ,जो कोशिकाएं केमोथैरेपी के वावजूद बची रह जाती हैं ,तथा बाद बढ़ते हुए विकराल रूप धारण कर लेती हैं.
इससे पूर्व के शोध में यह बात सामने आयी थी क़ी ,हल्दी न केवल केंसर क़ी कोशिकाओं क़ी बृद्धि को रोकता है, अपितु  केमोथैरेपीके प्रभाव को भी बढ़ा देता है.
डॉ करेन ब्रौंउन का कहना है, क़ि इस दिशा में किया गया शोध हल्दी के केंसर में प्रभावों क़ी दिशा में नए राज खोलेगा.

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