शनिवार, 9 जून 2012

केंसर : पांच बातों का ध्यान जिंदगी भर रखें

मेडीकल सांइस के क्षेत्र में चाहे कितनी ही तरक्की हो गई हो, लेकिन कुछ रोग आज भी जानलेवा बने हुए हैं। ऐसी ही   

ला-इलाज बीमारियों में केंसर भी एक है। यह बात अवश्य है कि केंसर की जानकारी समय रहते लगने पर इसको संभाला और समाप्त किया जा सकता है किन्तु अधिकांस दुखद घटनाओं में होता यह है कि जब तक पता चलता है बात हाथ से निकल चुकी होती है। 

शरीर को लेकर बरती गई जरा सी लापरवाही कई बार भयानक दु:ख का कारण बन जाती है। इसलिये समझदारी इसी में है कि हर अपने तन-मन को लेकर हमेशा जागरूक और जिम्मेदार रहें। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही बेहद आसान और कारगर उपाय, जिन्हें अपने डेली रुटीन में शामिल करके आप केंसर जैसी भयानक बीमारी से काफी हद तक सुरक्षित हो जाते हैं। ये पांचों उपााय योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का सम्मिलित रूप हैं......

-प्रतिदिन सुबह खाली पेट पांच पत्तियां तुलसी की मुंह में रखकर जब तक चूंसते रहें, जब तक कि ये समाप्त न हो जाएं।

-प्रतिदिन सोने से पूर्व गुनगुने पानी के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। 

-प्रतिदिन सूर्योदय की पहली किरणों का सेवन करते हुए कम से कम 2 से 3 मील तक मॉर्निग वाक करें। 

-चुनिंदा आसन और प्राणायाम को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल करें, यह काम किसी कुशल योग मार्गदर्शक की 

 देखरेख में करना सुरक्षित रहता है।

-नशीले पदार्थों- चाय, कॉफी, तंबाकू, अधिक टीवी देखना, तेज म्यूजिक सुनना ......आदि से जितना हो सकें बच कर रहें।http://religion.bhaskar.com/article/yoga-keep-in-mind-five-lifelong-2279182.html

हल्दी का सेवन केंसर के रोगियों में रामबाण


 हल्दी का सेवन केंसर के रोगियों में रामबाण सिद्ध हो चुका है .
ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है, क़ि केमोथैरेपी  से अप्रभावित कोशिकाओं  पर हल्दी का अभूतपूर्व प्रभाव देखा गया है.
लेचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हल्दी में पाई जानेवाले रसायन "कर्कुमिन" के प्रभाव का अध्ययन  कोलोरेक्टल केंसर के रोगी में किया था .
डॉ करेन ब्रौंउन ने डेली मेल को जानकारी देते हुए कहा, क़ि  कर्कुमिन उन केंसर  क़ी  कोशिकाओं के विरूध काम करता है ,जो कोशिकाएं केमोथैरेपी के वावजूद बची रह जाती हैं ,तथा बाद बढ़ते हुए विकराल रूप धारण कर लेती हैं.
इससे पूर्व के शोध में यह बात सामने आयी थी क़ी ,हल्दी न केवल केंसर क़ी कोशिकाओं क़ी बृद्धि को रोकता है, अपितु  केमोथैरेपीके प्रभाव को भी बढ़ा देता है.
डॉ करेन ब्रौंउन का कहना है, क़ि इस दिशा में किया गया शोध हल्दी के केंसर में प्रभावों क़ी दिशा में नए राज खोलेगा.